भारत सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के माध्यम से सीमेंट उद्योग में कार्बन कैप्चर और उपयोग (सीसीयू) के लिए पांच परीक्षण केंद्रों का क्लस्टर लॉन्च किया है। यह पहल उद्योग से कार्बन उत्सर्जन को कम करने और नेट जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से की गई है।

सीसीयू का महत्व और उद्देश्य
सीमेंट, स्टील, बिजली और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में कार्बन डाइऑक्साइड को कैप्चर कर मूल्य वर्धित उत्पादों में परिवर्तित करना सीसीयू का मुख्य उद्देश्य है। इन परीक्षण केंद्रों का उद्देश्य सीमेंट उद्योग में कार्बन मुक्त उत्पादन को बढ़ावा देना है।

पांच सीसीयू टेस्टबेड का विवरण
- बल्लभगढ़, हरियाणा (नेशनल काउंसिल फॉर सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटीरियल्स)
- तकनीक: ऑक्सीजन-वर्धित कैल्सीनेशन
- लक्ष्य: प्रतिदिन 2 टन CO₂ कैप्चर
- उपयोग: हल्के कंक्रीट ब्लॉक और ओलेफिन में परिवर्तन
- पार्टनर: जेके सीमेंट लिमिटेड
- आईआईटी कानपुर + जेएसडब्ल्यू सीमेंट
- तकनीक: कार्बन-नेगेटिव मिनरलाइजेशन
- उद्देश्य: CO₂ को ठोस खनिजों में परिवर्तित करना
- आईआईटी बॉम्बे + डालमिया सीमेंट
- तकनीक: उत्प्रेरक-चालित CO₂ कैप्चर
- स्थान: वास्तविक सीमेंट संयंत्र में स्थापना
- सीएसआईआर-आईआईपी, आईआईटी तिरुपति, आईआईएससी + जेएसडब्ल्यू सीमेंट
- तकनीक: वैक्यूम स्विंग एडसोर्प्शन
- उद्देश्य: सीमेंट भट्ठी गैसों से CO₂ अलग करना
- आईआईटी मद्रास और बिट्स पिलानी, गोवा + अल्ट्राटेक सीमेंट
- फोकस: कार्बन कम करने वाले नवाचार
उद्देश्य और महत्व
इन टेस्टबेड के माध्यम से सीमेंट उद्योग में स्वच्छ और कार्बन मुक्त तकनीक का विकास किया जाएगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और नेट जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
