रायपुर, 01 मई 2025
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास में बस्तर अंचल से आए नक्सल हिंसा पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में सुकमा, बीजापुर, कांकेर समेत बस्तर संभाग के वे नागरिक शामिल थे जिन्होंने नक्सली हिंसा के कारण अपने परिवारजनों को खोया है, शारीरिक यातनाएं सही हैं या विस्थापन का दंश झेला है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।


नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक चरण तक पहुंचाने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए विशेष रूप से कुर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान को निर्णायक चरण तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने बताया कि चार दशकों से माओवादी आतंक ने बस्तर की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक संरचना को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि हाल के वर्षों में सरकार के प्रयासों और सुरक्षा बलों की कार्रवाई से क्षेत्र में शांति और विकास की उम्मीद फिर से जगी है।
निवासियों ने “बस्तर ओलंपिक” और “बस्तर पंडुम” जैसे आयोजनों को जन-आशाओं और बदलते माहौल का प्रतीक बताया।
बस्तर को नक्सलमुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रतिनिधिमंडल की पीड़ा और अपेक्षाओं को गंभीरता से सुना और उन्हें हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद सिर्फ एक हिंसक आंदोलन नहीं, हमारी सह-अस्तित्व आधारित संस्कृति पर भी एक बड़ा खतरा है। हम बस्तर को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुर्रेगुट्टा में चल रहा सुरक्षा अभियान अब निर्णायक चरण में है और सरकार इसे किसी भी कीमत पर पूरा करेगी। उन्होंने दोहराया कि नक्सल उन्मूलन अभियान में किसी भी प्रकार की बाधा या सुरक्षा बलों के मनोबल को कमजोर करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जन-भागीदारी से ही मिलेगी स्थायी शांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बस्तर में स्थायी शांति और समावेशी विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि जनभागीदारी और विश्वास की शक्ति से नक्सलवाद पर विजय अवश्य प्राप्त की जाएगी।
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