ग्राम पंचायत सचिव संघ की हड़ताल हुई और तेज, अब क्रमिक भूख हड़ताल शुरू — ग्रामीण व्यवस्था हुई ठप

मुंगेली, छत्तीसगढ़।
ग्राम पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ पिछले 28 दिनों से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर डटे हुए हैं। अब आंदोलन को और तेज करते हुए सचिव संघ ने 15 अप्रैल से निश्चित कालीन क्रमिक भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया है। सचिवों की इस हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत व्यवस्थाएँ पूरी तरह चरमरा गई हैं।

गांवों में ठप हुई प्रशासनिक व्यवस्था

सचिवों के कार्य से विरत हो जाने के कारण ग्राम पंचायत स्तर की ज़रूरी सेवाएं जैसे जन्म-मृत्यु पंजीयन, राशन कार्ड निर्माण, मनरेगा कार्य, गली-नाली मरम्मत, सफाई व्यवस्था आदि सभी ठप हो चुकी हैं। इसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नव नियुक्त सरपंच भी असमंजस में



नव नियुक्त सरपंचों की स्थिति भी संकटग्रस्त हो चुकी है। लगभग दो महीने पूर्व चुनाव जीतने के बाद भी उन्हें कार्यभार नहीं सौंपा गया है। सचिवों की अनुपस्थिति में कोई प्रशासनिक सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जिससे वे भी अपने गांव की विकास योजनाओं को लागू नहीं कर पा रहे हैं।

राज्य सरकार को दी चेतावनी

ग्राम पंचायत सचिव संघ ने राज्य सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 19 अप्रैल की शाम तक उनकी शासकीयकरण की मांग को स्वीकार नहीं किया गया, तो वे मजबूर होकर दिल्ली के जंतर मंतर में जाकर धरना देने को बाध्य होंगे। संघ का कहना है कि यह केवल उनके अधिकार की लड़ाई है और यदि सरकार सकारात्मक रुख नहीं अपनाती है, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।

क्या हैं सचिवों की मांगें?

पंचायत सचिवों का शासकीयकरण

सेवा शर्तों में सुधार

वेतन विसंगति दूर करना

नियमितीकरण की स्पष्ट नीति


ग्रामीणों की आवाज

ग्रामीणों का कहना है कि सचिवों की अनुपस्थिति से उन्हें शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोई भी आवेदन प्रक्रिया या प्रमाण पत्र बनवाना मुश्किल हो गया है।

स्थिति अब सरकार के निर्णय पर निर्भर है। देखना होगा कि सचिवों की यह भूख हड़ताल सरकार को बातचीत के लिए मजबूर करती है या आंदोलन राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ता है।

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